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भव्य भारत न्यूज़’ प्राचीतनम् भारत के महान वैभव एवं गौरव को आधुनिकतम् युग में जन-जन तक पहुँचाने का महायज्ञ, महाप्रयोग, महाप्रयास तथा महाभियान है, जिसका शुभारंभ 18 अप्रैल, 2020 (वैशाख कृष्ण 11, विक्रम संवत् 2077 - ચૈત્ર વદ 11, વિક્રમ સંવત્ 2076) शनिवार को हुआ।

‘भव्य भारत न्यूज़’ के लिए यह दिवस सुनिश्चित करने के पीछे अवश्य ही प्रचलित अंग्रेज़ी कैलेण्डर के दिनांक 18 अप्रैल का महत्व है, परंतु संयोग से भारतीय सनातन कैलेण्डर में इस दिन पवित्र ‘वरुथिनी’ एकादशी भी पड़ने से इस दिवस की ऐतिहासिक महत्ता में शुभ वर्तमान का भी सम्मिश्रण हो गया। ‘भव्य भारत न्यूज़’ की एक विशेषता यह है कि यह अपने पाठकों को न केवल राजभाषा (राष्ट्रभाषा) हिन्दी, अपितु अपने उद्भव स्थान अर्थात् गुजरात के पाठकों की सुगमता के लिए गुजराती (ગુજરાતી) में भी ‘भव्य भारत’ की भव्यता, दिव्यता, प्राचीनता एवं आधुनिकता का दर्शन कराने का प्रयास करेगा।

वास्तव में 18 अप्रैल, 2020 को मेरी पत्रकारिता यात्रा को 26 वर्ष पूर्ण हुए और इसी उपलक्ष्य में मैंने ‘भव्य भारत न्यूज़’ के रूप में ‘राष्ट्र - धर्म सर्वोपरि’ की मंगल भावना के साथ एक महान उपक्रम प्रारंभ करने का निर्णय किया। मेरी ‘लोक-शिक्षा’ से जुड़ी पत्रकारिता की यात्रा का शुभारंभ ‘अनायास’ ही हुआ था। मैं तो गुजरात की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद से प्रकाशित होने वाले एक छोटे-से हिन्दी दैनिक में केवल एक साधारण नौकरी पाने की इच्छा से गया था। मेरी आयु मात्र 20 वर्ष व 18 दिन ही थी। जब मैंने 18 अप्रैल, 1994 (चैत्र शुक्ल 7, विक्रम संवत 2051 - ચૈત્ર સુદ 7, વિક્રમ સંવત 2050) सोमवार को इस हिन्दी दैनिक में कार्यारंभ किया, तब मेरे मन में पत्रकार बनने का स्फुरण तो क्या, कल्पना तक नहीं थी। भले मैं नहीं जानता था कि 18 अप्रैल, 1994 को एक ‘निर्पद’ अनुवादक के रूप में नौकरी प्रारंभ करते हुए भविष्य में एक ‘पत्रकार’ का उदय होगा, परंतु विधि का कदाचित यही निर्माण था। यह भी विधि का ही एक निर्माण है कि ढाई दशक तक विभिन्न संस्थानों में उच्च पदों पर सेवा देते हुए मेरा एक गूढ़, विचारशील, मंथनशील पत्रकार के रूप में गठन हुआ और उसके फल व सार के रूप में मैंने अपनी पत्रकारिता की 26वीं वर्षगाँठ पर ‘माँ भारती’ तथा समग्र विश्व के चरणों में ‘भव्य भारत न्यूज़’ की अनुपम भेंट समर्पित की। महान भारत के निर्माण तथा राष्ट्र सेवा को समर्पित इस उपक्रम के गठन में मैं तथा मेरी पत्रकारिता की 26वीं वर्षगाँठ केवल निमित्त मात्र हैं, क्योंकि इस ‘भव्य भारत न्यूज़’ के महान तप व अनुष्ठान में अनेक सहयोगियों का भी बल-बुद्धि-कौशल जुडा हुआ है।

‘भव्य भारत न्यूज़’ हिन्दी-गुजराती न्यूज़ पोर्टल का उदय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि अहमदाबाद से हुआ है, परंतु यह मंच केवल अहमदाबाद या गुजरात ही नहीं, अपितु समग्र भारत अर्थात् राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रहा है। इतना ही ही नहीं, ‘भव्य भारत न्यूज़’ की ‘राष्ट्र - धर्म सर्वोपरि’ की मूल भावना में ‘विश्व कल्याण’ की विराट भावना भी समाहित है। इस मंच से हम ‘भारत’ को ‘भारत’ के ‘अर्थ’ से अवगत कराने का सकारात्मक, सारगर्भित एवं स्वानुभूत प्रयास करेंगे। ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ तथा राष्ट्र को ही परम् धर्म के रूप में स्वीकार करते हुए कोटि-कोटि भारतवासियों व भारतवंशियों तक आधुनिक विज्ञान के माध्यम से प्राचीनतम्, परंतु आधुनिक-वैज्ञानिक व अनुभूतिपूर्ण ज्ञान परंपरा का जन-जन में प्रचार-प्रसार करना ही हमारा उद्देश्य है। इस मंच से जहाँ एक ओर आधुनिक पीढ़ी को हमारे पूर्वजों यानी हमारी जड़ से जोड़ कर सभी कर्तव्य कर्म करते हुए मानव जीवन के परम् लक्ष्य को प्राप्त करने का मार्गदर्शन देने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर आधुनिक विश्व में भारत की प्रतिष्ठा को अति उज्ज्वल, दिव्य, दैदिप्यवान व कीर्तिवान बनाने का कठोर परिश्रम भी किया जा रहा है। इतना नहीं, हम राष्ट्र के जन-जन को ‘जड़’ से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, परंतु इसमें कहीं भी ‘जड़ता’ का प्रदर्शन न हो, यही प्रयास रहता है। समाज में सकारात्मक ऊर्जा का प्रचार, नकारात्मकता का प्रतिकार और जो भारत, जो कभी विश्व गुरु था, उस भारत को पुन: विश्व गुरु बनाने के किसी भी प्रयास या अभियान का हम निरंतर समर्थन कर रहे हैं। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ अर्थात् ‘संपूर्ण विश्व हमारा परिवार’ की भावना हमारी इस यात्रा का मूलमंत्र है, जहाँ भारत ही नहीं, अपितु समग्र विश्व में निवास करने वाले प्रत्येक भारतवासियों व भारतवंशियों और यहाँ तक कि विश्व के सभी नागरिकों को यह समझाने का प्रयास है कि जीवन के सभी कर्तव्य कर्मों में सर्वोपरि राष्ट्र सेवा, सभी धर्मों में सर्वोपरि राष्ट्र धर्म और सभी पुरुषार्थों में सर्वोपरि ‘स्वयं से साक्षात्कार’, ‘स्वयं को जानना’, ‘आत्म-साक्षात्कार’, ‘जीवन-मुक्ति’ या ‘मोक्ष’ है। हम भारत की प्राचीन वैभवशाली सनातन परंपराओं के माध्यम से जन-जन को यह आत्म-बोध कराने के लिए एक वैचारिक क्रांति का नेतृत्व करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन को सभी कर्तव्य कर्मों का निर्वहन करते हुए भी मानव जीवन के परम् लक्ष्य अर्थात् ‘मोक्ष’ को प्राप्त कर सके और हाँ, ‘भव्य भारत न्यूज़’ के मंच से हम जन-जन में ‘मोक्ष’ के विषय में व्याप्त भ्रांतियों को भी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि ‘मोक्ष’ एक दशा है, जिसे मृत्यु के पश्चात् नहीं, अपितु जीते-जी प्राप्त करनी होती है। इसके उपरांत भी हमारा यह मंच समाज के प्रति पूर्ण समर्पण भाव से अनेकविद् कार्यकलापों को भी जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास कर रहा है।

धन्यवाद।

कन्हैया कोष्टी
सम्पादक
bhavybhaaratnews.com
अहमदाबाद

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