मात्र 130 करोड़ रुपए कमाने वाले सोनू सूद बने 130 करोड़ भारतीयों के SUPERMAN
CORONA और LOCKDOWN के इतिहास में ‘अमर’ हो गए सोनू सूद
विचारणीय मंथन : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद (2 जून, 2020)। भारत इस समय कोरोना (CORONA) वायरस से संचारित वैश्विक महामारी कोविड 19 के संकट का सामना कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (NARENDRA MODI) और राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रखा है, जिसके अंतर्गत देश लॉकडाउन 1.0 से लॉकडाउन 4.0 से गुज़रने के बाद अब अनलॉक 1 के साथ सरपट दौड़ पड़ा है।
हम जानते हैं कि पूरा देश पिछले 3 महीनों से कोरोना, कोविड 19, लॉकडाउन जैसे शब्द सुन-सुन तक थक गया है, लोगों के कान पक गए हैं। इसीलिए हम आपके लिए इन्हीं घटनाक्रमों और कालखंड के बीच उभरे एक ऐसे नायक की कथा सुनाने जा रहे हैं, जो फिल्मी पर्दे पर तो अधिकांशत: खलनायक की भूमिका में दिखाई देता है।
जी हाँ ! नि:संदेह हम सोनू सूद की बात कर रहे हैं, परंतु आप निश्चिंत रहिए। हम आपको सोनू सूद की लॉकडाउन के दौरान फँसे हुए लोगों की सहायता करने की कहानियाँ नहीं सुनाएँगे, क्योंकि उनके इस पराक्रम को पूरा देश जान चुका है और कोटि-कोटि प्रणाम कर रहा है।
वास्तव में हम तो आपको हिन्दी फिल्म उद्योग यानी BOLLYWOOD में बहुत ही छोटी-हस्ती रखने वाले उस ‘मोगा वाले लड़के’ की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसने लॉकडाउन के दौरान स्वयं को और अपनी टीम को एक ‘शासन-प्रशासन’ की भाँति लगा दिया और सैंकड़ों लोगों को सड़क से लेकर एयरलिफ्ट करके घर पहुँचाया।
सोनू सूद किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, परंतु लॉकडाउन (LOCKDOWN) में उन्होंने देश को जो अपना वास्तविक परिचय कराया, उससे सचमुच लोग अंजान थे। सोनू सूद ने जो पराक्रम किया, उसकी किसी से तुलना तो नहीं की जा सकती, परंतु इतना तो अवश्य ही कहा जा सकता है कि बॉलीवुड में वार्षिक आय के मामले में टॉप 10 स्टार्स को सोनू ने शर्मिंदा अवश्य कर दिया। यह बात और है कि किसी को शर्म आती है या नहीं ? यह उनका अपना विषय है।
‘130 करोड़ी’ सोनू के आगे फीके पड़ गए ‘बादशाह-शहंशाह-दबंग’
हमारा उद्देश्य सोनू सूद (SONU SOOD) की प्रशंसा करना मात्र ही है। हम सोनू की आड़ में किसी को लक्ष्य नहीं बना रहे। दूसरा, वार्षिक 130 करोड़ रुपए कमाने वाले सोनू के लिए लॉकडाउन के दौरान फँसे लोगों को घर पहुँचाने के कार्य का खर्च बहुत भारी भी नहीं था, परंतु आप यह भी सोचिए कि यदि 130 करोड़ रुपए की आय से सोनू सैंकड़ों देशवासियों की सहायता कर सकते हैं, तो उनसे 38 गुना अधिक कमाई करने वाले बॉलीवुड के ‘बादशाह’ एवं 24 गुना अधिक कमाई करने वाले ‘शहंशाह’ चाहते तो क्या नहीं कर सकते थे।
बात चाह की थी, जो सोनू सूद में थी। यही कारण है कि सोनू सूद ने जो किया, वह शाहरुख खान (SHAH RUKH KHAN) तथा अमिताभ बच्चन (AMITABH BACHCHAN) नहीं कर सके। शाहरुख खान की वार्षिक आय 5250 करोड़ है, जबकि अमिताभ बच्चन ने 3360 करोड़ रुपए वार्षिक कमाई करते हैं।
शाहरुख एवं अमिताभ TOP 10 REACHEST BOLLYWOOD ACOTRS की सूची में क्रमश: पहले व दूसरे स्थान पर हैं। SRK-BIG B की आय के आँकड़े चौंकाने वाले बिल्कुल नहीं हैं। दोनों ही कड़े परिश्रम से यह धन अर्जित करते हैं और ग्लैमर की दुनिया में आय के बड़े-बड़े आँकड़े स्वाभाविक भी हैं, परंतु सोनू सूद ने कहीं न कहीं शाहरुख-अमिताभ को सोचने पर अवश्य विवश कर दिया होगा।
दबंग से सिम्बा : सबको पीछे छोड़ा छोटे-से छेदी ने
सोनू सूद ने बॉलीवुड में एंट्री की थी सलमान खान (SALMAN KHAN) की फिल्म दबंग से। इस फिल्म में सोनू का नाम छेदी सिंह था। फिल्मों में नायक बनने आए सोनू को भले ही छेदी सिंह की भूमिका के साथ खलनायक के रूप में बॉलीवुड कॅरियर शुरू करना पड़ा हो, परंतु लॉकडाउन के दौरान सोनू ने जो सेवा-समर्पण एवं राष्ट्र धर्म निभाया, वह टॉप 10 धनवान बॉलीवुड कलाकारों की सूची में शामिल अन्य 8 धनवानों को भी यही एक मैसेज देता है कि सम्पन्न व्यक्ति चाहें, तो विपन्न व्यक्तियों की सहायता कर सकते हैं।
बॉलीवुड में फिल्मों और विज्ञापनों से सर्वाधिक कमाई करने वाले टॉप 10 की सूची में तीसरे स्थान पर सलमान खान हैं, जिनकी वार्षिक आय 2150 करोड़ रुपए है। इसी प्रकार 1300 करोड़ रुपए के साथ मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान (AAMIR KHAN) चौथे स्थान पर, 1192 करोड़ रुपए के साथ खिलाड़ी अक्षय कुमार (AKSHYA KUMAR) पाँचवें, 322 करोड़ रुपए के साथ रणबीर कपूर (RANBIR KAPOOR) छठे, 245 करोड़ रुपए के साथ ऐश्वर्या राय बच्चन (AISHWARYA RAY BACHHAN) सातवें, 220 करोड़ रुपए के साथ अनुष्का शर्मा (ANUSHKA SHARMA) आठवें, 196 करोड़ रुपए के साथ प्रियंका चोपड़ा (PRIYANKA CHOPRA) नौवें और 136 करोड़ रुपए की वार्षिक आय के साथ सिम्बा रणवीर सिंह (RANVEER SINGH) दसवें स्थान पर हैं।
कौन है ‘मोगा वाला’ लड़का और कैसे बना विलन से हीरो ?
आज सोनू काल्पनिक पर्दे पर विलेन की भूमिका निभाते हुए वास्तविकता में भगवान तुल्य ही बन गए है। 30 जुलाई, 1973 को पंजाब के मोगा में कपड़ा व्यापारी शक्ति सूद एवं सरोज सूद के पुत्र के रूप में जन्मे सोनू सूद की कहानी भी एक साधारण युवक की तरह ही थी। पिता चाहते थे कि बेटा पढ़ाई पूरी करने के बाद कपड़े की दुकान ‘बॉम्बे क्लोद’ संभालें, तो माँ चहती थीं कि बेटा बड़ा आदमी बने। इसी कारण सोनू इंजीनियर बनने नागपुर आ पहुँचे।
नागपुर से अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए भी सोनू के मन में एक्टिंग का कीड़ा कुलबुला रहा था। इसीलिए उन्होंने पढ़ाई के दौरान ही फिल्म इंडस्ट्रीज़ में जाने का मन बना लिया था। माता-पिता की इच्छा तो नहीं थी, परंतु सोनू ने फिल्मों में ट्राय के लिए डेढ़ साल का समय मांगा और 1996 में सपनों की मायानगरी मुंबई में आ पहुँचे। यहीं आकर उन्होंने ज़मीन से जुड़े लोगों का संघर्ष देखा और स्वयं अनुभव भी किया।
ऐसे थे सोनू सूद के संघर्ष के दिन
अपने एक ट्विटर (TWITTER) पोस्ट में उन्होंने अपने संघर्ष के समय का बोरीवली-चर्चगेट के बीच यात्रा का रेलवे मासिक पास शेयर किया था। सोनू मुंबई आकर जो उस वक्त अपने डेढ़ साल के संघर्ष से टूट जाते तो शायद आज मोगा में अपनी दुकान में बैठकर कपड़े बेच रहे होते या लॉक डाउन की वजह से बिजनेस में हो रहे नुकसान को लेकर चिंतित हो रहे होते थे, लेकिन यह सब शायद सोनू की क़िस्मत में नहीं था या वे इसे अपनी नियति नहीं बनाना चाहते थे।
मुंबई आकर उन्होंने कुछ महीने एक कमरा पाँच लोगों के साथ शेयर कर भी गुज़ारे, ताकि पैसे बच सकें। फिर भी फिल्मी क्षेत्र में काम ढूँढते हुए पैसे कम पड़ने लगे, तो घर से पैसे न मंगवा कर ख़ुद ही एक सामान्य सी नौकरी करने लगे और नौकरी के बाद का सारा समय अपने सपने को पालने और उसकी देखरेख करने में देने लगे। मुंबई कई लोगों के सपनों को सँवारती है, तो बिखेरती भी है। सोनू के साथ भी यही हुआ उस वक़्त।
दिल्ली में दम, दक्षिण में धमाल, बॉलीवुड में बंपर ओपनिंग
जब मुंबई में उनकी दाल न गली, तो सोनू सूद दिल्ली आ गए और यहाँ उन्हें अपना पसंदीदा पहला काम नागराज टीवी के एक छोटे से विज्ञापन में मिला। सोनू को अपना सपना साकार करने से मतलब था। काम के छोटे या बड़े होने से उन्हें कोई निस्बत नहीं थी। उनकी इसी सोच की बदौलत उन्हें कुछ ही दिनों में एक तमिल फिल्म में छोटा-सा रोल ऑफर हुआ और उसे करने के बाद उन्हें साउथ इण्डियन फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया। अपने कार्य में दक्षता लाने के लिए उन्होंने तमिल के साथ कुछ और साउथ इण्डियन भाषाएँ भी सीखीं।
आज सोनू सूद के नाम के साथ तमिल, तेलुगू, कन्नड, अंग्रेजी और हिन्दी को मिला कर 100 से अधिक फिल्मों की सूची है। इसके बाद हिन्दी फिल्म इण्डस्ट्रीज बॉलीवुड में सोनू ने आम दर्शकों की गालियाँ बँटोरने का जो काम किया, उससे कोई भी फिल्मी प्रेमी अनजान नहीं है। ‘युवा’, ‘जोधा अकबर’, ‘हैप्पी न्यू ईयर’ और ‘दबंग’ जैसी कई फिल्मों से सोनू सूद हिन्दी फिल्म जगत में छा गए।
जैसा सोनू ने सोचा, शायद ही कोई सोचता है
गीता का एक श्लोक है – ‘यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन :। स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते।।’ अर्थात् ‘महापुरुष जो जो आचरण करता है, सामान्य व्यक्ति उसी का अनुसरण करते हैं। वह अपने अनुसरणीय कार्यों से जो उदाहरण पेश करता है, सम्पूर्ण दुनिया उसका अनुसरण करती है।’ लक्ष्य तो सबके अपने निश्चित होते है लेकिन अपना लक्ष्य हासिल कर लेने के बाद बहुत कम लोग किसी और के बारें में भी सही मायनों में सोच पाते है।
सोनू सूद कोई इतने अधिक अमीर इंसान नहीं है कि अपनी कमाई के बूते पर वे मज़दूरों की हर तरह से मदद कर सकें, लेकिन उन्हें विश्वास है कि कल कमाया हुआ आज वे जहाँ रोप रहे हैं, वही कल दुआ बन कर उन्हें और ज़्यादा कमाने के रास्ते खोल कर देगा ताकि उसके मदद को उठे हाथ सदा कार्यशील रह सके। दुनिया की बात छोड़ दे और केवल फिल्म इंडस्ट्री की बात करे तो आज सोनू से कई गुना करोड़ कमाने वाले बैठे हुए है।
सोनू की 130 करोड़ की कमाई उनकी कमाई के आगे कुछ भी नहीं है। रणवीर सिंह जो कि आज के युवादिलों की जान है 136 करोड़ के मालिक है। कहा जाता है कि वे भारत के पहले दस भारतीय फिल्मी अभिनेताओं में से है जिनकी गिनती अमीर में होती है।
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