गांधीनगर, 14 फरवरी : गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने अंत्योदय परिवार की आजीविका में वृद्धि करके उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने एवं महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से ‘गुजरात स्कीम फॉर अंत्योदय फैमिलीज फॉर ऑग्मेंटिंग लाइवलीहुड्स’ (जी-सफल) इस वर्ष घोषित की है। अंत्योदय परिवारों की आजीविका बढ़ाने के लिए गुजरात की योजना यानी जी-सफल अगले पाँच वर्ष की समयावधि में राज्य के 10 जिलों में 25 तहसीलों के 50 हजार अंत्योदय अन्न योजना (एएवाय) कार्डधारक परिवारों को लाभ पहुँचाएगी।

इस योजना का क्रियान्वयन गुजरात लाइवलीहुड प्रमोशन कंपनी लिमिटेड (ग्रामीण विकास विभाग) द्वारा किया जा रहा है, जिसमें अंत्योदय परिवारों को आजीविका, वित्तीय समावेशन तथा सामाजिक विकास के लिए सहयोग प्रदान किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में आर्थिक सहायता के साथ कौशल प्रशिक्षण एवं आवश्यक मार्गदर्शन भी दिया जाएगा, ताकि परिवारों को अत्यंत गरीबी से बाहर लाया जा सके।

जी-सफल के चार स्तंभ

इस योजना का निर्माण चार मुख्य स्तंभों पर किया गया है।

सामाजिक सुरक्षा : सरकारी योजनाओं तक पहुँच तथा सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
आजीविका निर्माण : संपत्ति का सृजन करने एवं आय के विभिन्न स्रोतों का निर्माण करने के लिए अनुदान (ग्रांट)।
वित्तीय समावेशन : बैंकों, बचत, ऋण एवं बीमा सेवाओं के साथ लाभार्थियों को जोड़ना।
सामाजिक विकास एवं सशक्तिकरण : जीवन कौशल प्रशिक्षण तथा स्वयं-सहायता समूहों की भागीदारी को प्रोत्साहन।

इस योजना द्वारा अंत्योदय परिवार को टिकाऊ (सस्टेनेबल) आजीविका दिलाने के उद्देश्य से उनके लिए आय के अतिरिक्त स्रोतों का सृजन किया जाएगा। उन्हें उचित प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन दिया जाएगा। आजीविका के नए स्रोतों का सृजन करने के लिए उन्हें 80 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।

कैसे लागू होगी योजना ?

इस योजना के क्रियान्वयन के लिए योग्यता प्राप्त कार्डधारकों में सबसे गरीब परिवारों की पहचान की जाएगी। इस प्रकार के परिवारों में अधिकांश रूप से कोई निश्चित आय स्रोत नहीं होने के कारण उनके लिए अतिरिक्त आय अर्जित करने हेतु नए स्रोतों का निर्माण किया जाएगा, जिससे उनकी आय टिकाऊ बने। इसके लिए उन्हें अनुदान दिया जाएगा। सभी लाभार्थी परिवारों में कम से कम आय के दो स्रोत हों; यह सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखा गया है। आय के स्रोतों का निर्माण बाजार में उपलब्ध अवसरों, वर्तमान कौशल एवं लाभार्थी परिवारों पर लागू होने वाली अन्य बातों पर निर्भर रहेगा। लाभार्थियों को उचित प्रशिक्षण के साथ बैंकों व वित्तीय संस्थानों से जोड़ने का कार्य भी किया जाएगा। इन परिवारों को मार्गदर्शन देने के लिए फील्ड कोच की नियुक्ति की गई है।

महिला सशक्तिकरण तथा समुदायों को सुदृढ़ बनाने का संकल्प

जी-सफल का एक अनूठा पहलू महिला सशक्तिकरण है, जिसमें 1 फील्ड कोच 40 परिवारों तक पहुँच कर उन्हें व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इस योजना में टेक्नोलॉजी पर भी बल दिया गया है, जिसमें राज्य स्तर के डिजिटल डैशबोर्ड की सहायता से योजना की प्रगति, फंड के भुगतान तथा परिवारों के विकास के मानदंडों की रीयल टाइम ट्रैकिंग की जाएगी।

जिलों व तहसीलों की सूची

राज्य के जिन जिलों व तहसीलों में यह योजना लागू की गई है; उनमें बनासकाँठा (तहसील – थराद), पाटण (तहसील – सांतलपुर), कच्छ (तहसील – रापर व लखपत), सुरेन्द्रनगर (तहसील – सायला), छोटा उदेपुर (तहसील – कवांट व नसवाडी), पंचमहाल (तहसील – घोघंबा), दाहोद (तहसील – गरबाडा, धानपुर, सिंघवड, देवगढबारिया, फतेपुरा, झालोद, दाहोद, लीमखेडा व संजेली), नर्मदा (तहसील – नांदोद, गरुडेश्वर, सागबारा, तिलकवाडा व डेडियापाडा), तापी (तहसील – कुकरमुंडा व नीझर) तथा डांग (तहसील – सुबीर) शामिल हैं।

जनवरी 2023 में देश के 500 महत्वाकांक्षी ब्लॉक्स में जीवन की गुणवत्ता सुधारने की भारत सरकार की पहल एस्पिरेशनल ब्लॉक्स प्रोग्राम (एबीपी) के साथ यह योजना सुसंगत है। जी-सफल आजीविकास विकास तथा मूलभूत सेवाओं के उन्नतीकरण पर केन्द्रित रहते हुए सामाजिक एवं आर्थिक विकास सुनिश्चित करेगी। यह पहल राज्य के महत्वाकांक्षी क्षेत्रों में सतत विकास तथा समृद्धि लाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी।

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