पाकिस्तान ने अपनी हिमाक़त से तय की डेडलाइन
‘चीन के लिए चुनाव’ : टुकड़े-टुकड़े होगा पाकिस्तान ?
विश्लेषण : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद (19 मई, 2020)। पाकिस्तान ने 16 मई, 2020 को एक ऐसा आत्मघाती कदम उठाया है, जिसने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर उसके अवैध अधिग्रहण की उल्टी गिनती आरंभ कर दी है। भारत की ओर से बार-बार आपत्तियाँ व्यक्त करने के पश्चात् भी पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पीओके में चुनाव कराने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करके भारत को ललकारा है। ऐसे में यह सुनिश्चित हो गया है कि भारत पीओके पर अब निर्णायक व अंतिम लड़ाई लड़ने पर विवश हो जाएगा।
शीर्षक पढ़ कर आपको आश्चर्य हो रहा होगा कि भव्य भारत न्यूज़ (BBN) यह कैसे दावा कर रहा है कि भारत 24 जून, 2020 से पीओके पर धावा बोलेगा ? उत्तर यह है कि 24 जून की यह डेडलाइन स्वयं पाकिस्तान ने अपनी हिमाक़त से पक्की कर दी है। दूसरे, बीबीएन के इस दावे के पीछे कई बड़े आधार हैं। पहला तथा सबसे बड़ा आधार है पाकिस्तान की ओर से पीओके एवं गिलगित-बाल्टिस्तान में 24 जून, 2020 को चुनाव कराने का निर्णय किया जाना है।
जब से पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पीओके एवं गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की स्वीकृति दी है, तब से भारत लगातार पाकिस्तान के समक्ष विरोध व्यक्त कर रहा है। सर्वप्रथम तो भारतीय विदेश मंत्रालय (MFA) ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी राजनयिक को बुला कर कड़ा संदेश व स्पष्ट आदेश दिया था, ‘पीओके भारत का अभिन्न अंग है। पाकिस्तान पीओके को ज़ल्द से ज़ल्द ख़ाली करे।’
इतना ही नहीं, पाकिस्तान के चुनावी पैंतरे पर कड़ा प्रहार करते हुए भारत ने पीओके पर अपने अधिकार को और सुदृढ़ दर्शाने के लिए पीओके एवं गिलगित-बाल्टिस्तान का मौसम पूर्वानुमान दर्शाना आरंभ किया था। भारतीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) तथा भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की पहल में छिपी संकेत की भाषा भी पाकिस्तान नहीं समझा और उसने चुनाव कराने का निर्णय कर भारत को छेड़ दिया है।
नहीं माना पाकिस्तान, अब ख़ाली करना होगा PoK
वास्तव में पाकिस्तान पीओके तथा गिलगित-बाल्टिस्तान में आगामी 24 जून को चुनाव कराने जा रहा है। पाकिस्तान व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को ये चुनाव अपने जिगरी दोस्त चीन के लिए कराने पड़ रहे हैं। पाकिस्तान पीओके व गिलगित-बाल्टिस्तान शासन को अपने नियंत्रण में करने के लिए भाँति-भाँति के पैंतरे आज़माता रहा है और इसी का हिस्सा है पाकिस्तान का चीनी फर्म को 442 अरब करोड़ का बांध प्रोजेक्ट कॉण्ट्रैक्ट देना।
समझौते के तहत चीनी फर्म गिलगित-बाल्टिस्तान में दिओमेर-भाषा बांध का निर्माण करेगी और इसके लिए स्थानीय शासन/सरकार का होना आवश्यक है। इस प्रकार पाकिस्तान चीन को ख़ुश करने व पीओके एवं गिलगित-बाल्टिस्तान पर नियंत्रण के लिए चुनाव करवा रहा है, जिसका भारत घोर विरोध कर चुका है।
पाकिस्तान ने भारत की आपत्तियों की अवगणना की और गत 16 मई को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गिलगित-बाल्टिस्तान एंड केयरटेकर अमेंडमेंट ऑर्डर 2020 पर हस्ताक्षर कर दिए। पाकिस्तान सरकार ने भी इस आदेश को पारित कर दिया है, जिसके अंतर्गत पीओके एवं गिलगित-बाल्टिस्तान में 24 जून को चुनाव होंगे।
मिशन मॉड में भारत का ‘Mission Pok’ ?
बीबीएन का विश्लेषण स्पष्ट कहता है कि भारत यदि पीओके एवं गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना अभिन्न अंग मानता है, तो निश्चित रूप से वहाँ चुनाव से पहले ही उसे कुछ करना होगा। यदि पाकिस्तान पीओके-गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने में सफल हुआ, तो भारत का अपने अभिन्न क्षेत्र पर दावा निर्बल पड़ सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले छह वर्षों में पाकिस्तान, कश्मीर पर उसके दावे तथा उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद सहित सभी मुद्दों पर लगातार आक्रामक रुख अपनाया है।
ऐसे में बहुत संभावना है कि भारत पीओके एवं गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के पाकिस्तान के षड्यंत्र को सफल नहीं होने देगा। इसके लिए भारत को 24 जून से पहले अपने ‘मिशन पीओके’ को मिशन मॉड में लाकर परिणाम तक पहुँचाना होगा।
मोदी-शाह करेंगे ‘निर्णायक’ प्रहार, सेना-वायुसेना है तैयार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह पाकिस्तान, जम्मू-कश्मीर कश्मीर तथा पीओके को लेकर कड़े, साहसी, आक्रामक व विस्मयकारी निर्णय लेते रहे हैं। ऐसे में मोदी-शाह पाकिस्तान की पीओके तथा गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की अक्षम्य भूल पर शायद ही चुप रहें।
संभव है कि मोदी-शाह के नेतृत्व में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोवाल ने मिशन पीओके पर निर्णायक प्रहार की तैयारियाँ आरंभ कर दी हों।
इसका संकेत 18 मई को वायुसेना (INDIA AIR FORCE) यानी IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने भी दिया। आईएएफ चीफ ने कहा कि पीओके में पाकिस्तान की धरातलीय व हवाई गतिविधियाँ बढ़ी हैं, जिस पर वायुसेना की पैनी नज़र है। सरकार का आदेश मिलते ही 24 घण्टे के भीतर वायुसेना पीओके में घुस कर एयर स्ट्राइक कर सकती है।
इससे पहले भारत की तीनों सेनाओं के समन्वयक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत भी बार-बार कह चुके हैं कि भारतीय सेनाएँ सरकार के किसी भी आदेश का तत्काल पालन करने के लिए सुसज्ज हैं।
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