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आलेख : कपिल मिश्रा
अहमदाबाद (14 मई, 2020)। वर्तमान समय डिजिटल युग है। इस युग का आधार है सोशल मीडिया, जिसने आम आदमी की रफ़्तार को बहुत तेज़ कर दिया है। आधुनिक समय इस तकनीक के बिना अधूरा है। सोशल मीडिया एक प्रोग्राम बन चुका है, जो आम जीवन में इस तरह घुल चुके है कि शायद आम आदमी इससे रहित जीवन सोच भी नहीं सकता है। सही भी है, क्योंकि आज के आपाधापी भरे दौर में ऐसी तकनीकें या प्रोग्राम ही हमें समय के साथ चलाते हैं।
आज हम ऐसे ही एक कंप्यूटर साइंस की बात करने जा रहे हैं, जो पूरे विश्व में विख्यात है। चर्चा का विषय है एक प्रसिद्ध NETWORKING SITE FACEBBOK के CEO मार्क ज़ुकेरबर्ग, जिनका आज 36वाँ जन्म दिवस है। 14 May 1984 को White Plains, New York, United States में जन्मे मार्क ज़ुकेरबर्ग (MARK ZUCKERBERG) आज पूरे विश्व में विख्यात हैं, तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण सोशल मीडिया का महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म फेसबुक है। एक छोटे से कमरे से फेसबुक का प्रारंभ करने वाले मार्क ज़ुकेरबर्ग आज FACEBOOK के CHIEF EXICUTIVE OFFOICE (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) यानी CEO हैं।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि हर बड़ी सफलता के बीच में एक बड़ी विफलता का दौर भी आता है। यदि भारत की ही बात करें, तो BOLLYWOOD अभिनेता BIG B AMITABH BACHCHAN (बिग बी अमिताभ बच्चन) भले ही आज सदी के महानायक कहलाते हैं, परंतु उनके जीवन में भी एक विफलता का एक दौर आया था। ठीक इसी प्रकार मार्क ज़ुकेरबर्ग को भी फेसबुक को इस बुलंदी पर पहुँचाने के मार्ग में एक बुरे दौर का सामना करना पड़ा था और उस समय उन्हें भारत की ज्ञान शक्ति, आध्यात्मिक शक्ति, धार्मिक शक्ति, संस्कृति, परस्पर जोड़ने वाली परंपरा ने बड़ा सहारा दिया था। यदि ज़ुकेरबर्ग को भारत का यह सहारा न मिलता, तो कदाचित आज फेसबुक कहीं चेहरा दिखाने के लायक न होता या फिर संभवत: डूब चुका होता।
यह रहस्योद्घाटन स्वयं MARK ZUCKERBERG ने अपनी भारत यात्रा के दौरान किया था। क्या था वह पूरा किस्सा… ? आइए आपको उस पूरे किस्से से अवगत कराते हैं। FACEBOOK का आरंभ वर्ष 2004 में हार्वर्ड के एक छात्र मार्क ज़ुकेरबर्ग ने एक छोटे से कमरे किया था। उन्होंने फेसबुक का THEFACEBOOK.COM नाम से प्रारंभ किया था। उस समय इस प्रोग्राम में इतने अधिक फीचर नहीं थे। दफेसबुक.कॉम में आपको LIKE और DISLIKE के दो ही विकल्प दिए जाते थे। फिर भी FACEBOOK ने लोगो के दिल में जगह बनाई, परंतु समय के साथ इसका भी MARKET डाउन होने लगा और FACEBOOK का कठिन दौर शुरू हो गया। यहाँ तक कि फेसबुक बिकने के कगार पर आ गया।

संकट के समय भारत ने दिया सहारा



जब मार्क ज़ुकेरबर्ग फेसबुक को लेकर दुर्दिनों व चिंताओं के दौर से गुज़र रहे थे, तभी उनके गुरु और AAPLE के पूर्व CEO STEVE JOBS ने MARK ZUCKERBERG को भारत के एक मंदिर में जाने की सलाह दी। स्टीव जॉब्स ने मार्क ज़ुकेरबर्ग को फोन किया। उन्होंने ज़ुकेरबर्ग को भारत में एक मंदिर का पता दिया।

भारत में यहाँ ठहरे थे मार्क ज़ुकेरबर्ग



बताया जाता है कि स्टीव जॉब्स की सलाह पर मार्क ज़ुकेरबर्ग भारत में एक मंदिर में आकर ठहरे। यद्यपि ज़ुकेरबर्ग ने इस मंदिर या स्थान को लेकर कोई पुष्टि नहीं की, परंतु मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो MARK ZUCKERBERG भारत में उतराखंड के नैनीताल स्थित नीम करोली बाबा (NEEM KAROLI BABA) के आश्रम में रहने के लिए आए थे। वैसे भी नीम करोली बाबा का आश्रम अमेरिकियों का पसंदीदा स्थान है, जहाँ AAPLE के CEO स्टीव जॉब्स स्वयं समय बिता चुके हैं। बताया जाता है कि स्टीव जॉब्स ने ज़ुकेरबर्ग को नीम करोली बाबा के आश्रम में ही रहने की सलाह दी थी।

भारत को आशावादी देश मानते हैं ज़ुकेरबर्ग



मार्क ज़ुकेरबर्ग ने भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत में भारत को ‘आशावादी’ देश कहा था। MARK ZUCKERBERG ने भारत की संस्कृति और अध्यात्म की शक्ति को पहचाना था। ज़ुकेरबर्ग ने पीएम मोदी से चर्चा के दौरान बताया था कि वे भारत में 1 महीने तक रहे और उन्होंने भारतीय आध्यात्मिक शक्ति, समाजिक जुड़ाव की शक्ति आदि के बारे में जानकारी हसिल की और इसी के आधार पर FACEBOOK को फिर से खड़ा किया।

लैरी ब्रिलियंट ने ज़ुकेरबर्ग के लिए करवाई थी व्यवस्था



जिस मंदिर में मार्क रुके थे, उस मंदिर के ट्रस्टी विनोद जोशी के अनुसार कुछ वर्ष पहले GOOGLE के CEO LARRY BRILLIANT का फोन आया था। जोशी ने बताया, ‘लैरी ब्रिलियंट ने कहा था कि एक मार्क नाम का लड़का वहाँ आएगा।’ केवल फोन ही नहीं आया, वरन् मार्क ज़ुकेरबर्ग वास्तव में इस स्थान पर आए। यहाँ आने तथा रहने के बाद मार्क के विचारों में भारतीय अध्यात्म व संस्कृति घुल गई। ज़ुकेरबर्ग ने एक बातचीत में कहा भी था, ‘कुछ करने से पहले आपको मंदिर जाना चहिए। आप आशा के लिए मंदिर जाते हैं और आपको वह सब कुछ मिलता है, जो आप चाहते हैं और यह सब केवल भारत में ही संभव है।’ इसलिए MARK ZUCKERBERG भारत को ज्ञान (NATION OF KNOWLDEGE) का देश कहते हैं।

भारत के सामाजिक ताने-बाने से बना FACEBOOK का नया ढाँचा



फेसबुक (FB) बिकने के कगार पर आने के बाद MARK ZUCKERBERG ने की भारत की यात्रा की और यहीं से FACEBOOK को मिली नई पहचान। ऐसा क्या हुआ ? MARK ZUCKERBERG के भारत आने के बाद डूबती कंपनी FACEBOOK बन गई सबसे लोकप्रिय। भारत में ऐसा कौन-सा मंत्र मिल गया MARK ZUCKERBERG को, जिससे उन्होंने FACEBOOK को बचा लिया ? मार्क काफी समय भारत में रहे और वे यहाँ के समाजाजिक जुडाव, ताने-बाने एवं तोर तरीक़ों से काफी प्रभावित हुए। भारत सबसे बड़ा सफल लोकतंत्रिक देश है। MARK ZUCKERBERG ने इसी को फेसबुक का आधार बनाया, क्योंकि THEFACEBOOK.COM में ऐसा कुछ भी नहीं था। इसलिए वह बिकने के कगार पर आ गया था, परंतु MARK ZUCKERBERG ने फेसबुक को लोकतंत्र से जोड़ दिया और वैसे ही उसमें अलग-अलग प्रकार की सुविधाएँ शामिल कीं, जिससे अधिक से आधिक लोगो को जोड़ा जा सके और मार्क इस प्रयास में सफल रहे। भारत का सामाजिक ढाँचा और FACEBOOK का ढाँचा एक जैसे प्रतीत होते हैं। मार्क ज़ुकेरबर्ग ने अपनी यात्रा के दौरान यह महसूस किया कि हमारे यानी भारतीय समाज में किस तरह से सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है ? हम लोग कितने निकट से अपनों-परायों के साथ जुड़े हुए हैं ? हम आशावादी हैं, आध्यत्मिक हैं। MARK ZUCKERBERG ने कहा भी था, ‘भारत के लोग ऊर्जा और जिज्ञासा से परिपूर्ण हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और इससे जुड़े बग़ैर दुनिया से नहीं जुड़ा जा सकता है।’ इन्हीं धारणाओं के साथ किया गया MARK ZUCKERBERG का प्रयास और FACEBOOK सबसे लोकप्रिय बन गया |

मार्क-मुकेश साथ : अब FB को मिलेगी JIO की स्पीड



मार्क ज़ुकेरबर्ग भारत से सदा जुड़े रहते हैं व चर्चा में भी रहते हैं। हाल ही में MARK ZUCKERBERG ने RELIANCE INDUSTRIES LIMITED (RIL) के CEO मुकेश अंबाणी के साथ हाथ मिलाया। दुनिया भर में चर्चित दो बड़ी कंपनियाँ एक साथ आ गई हैं। फेसबुक ने RELIANCE JIO में निवेश करने का निर्णय किया है। दोनों कंपनियों के बीच इस DEAL के बाद JIO का वैल्यूएशन 4.62 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा। यह मूल्यांकन DOLLAR के मुक़ाबले रुपए को 70 मान कर किया गया है। आवश्यक स्वीकृतियाँ मिलने के बाद फेसबुक JIO में सबसे बड़ी माइनॉरिटी शेयर होल्डर बन जाएगा। आपको बता दें कि जियो की शुरुआत 2016 में हुई थी। धीरे-धीरे इसने टेलीकॉम इंडस्ट्री में अपनी धाक जमा ली। एक के बाद एक बड़ी कम्पनियाँ मुकेश अंबाणी के इस जियो के आगे सिमटती चली गईं और इसका परिणाम यह हुआ कि TELECOM और BROADBAND से लेकर E-COMMERCE तक में इसने अपना विस्तार किया और 38 करोड़ ग्राहकों तक पहुँच गई। दूसरी ओर FACEBOOK की बात करें, तो भारत में 40 करोड़ FB USERS हैं और INTERNET USERS की संख्या इस साल 85 करोड़ तक पहुँचने का अनुमान है। आरआईएल के अध्यक्ष व सीईओ मुकेश अंबाणी ने इस डील पर कहा, ‘जियो और फेसबुक के बीच साझेदारी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के DIGITAL INDIA MISSION को और मज़बूती मिलेगी। FB-JIO डील से EASE OF LIVING और EASE OF DOING बिजनेस में भी सुविधा होगी। कोरोना (CORONA) के बाद देश की अर्थ व्यवस्था (ECONOMY) तेज़ी से विकास करेगी और जियो-फेसबुक के बीच हुई यह साझेदारी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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