44 में से 10 रेड ज़ोन वॉर्डों ने पूरे ‘पूरब’ को वंचित रखा LOCKDOWN 4.0 की राहत से
पश्चिमी अहमदाबाद पटरी पर, परंतु 200 वर्ग किलोमीटर वाला पूर्वी महानगर अब भी ठप
34 वॉर्डों के 35 लाख लोगों को LOCKDOWN 5.0 में पश्चिमी अहमदाबाद की तरह छूट की आस
विश्लेषण : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद (29 मई, 2020)। अहमदाबाद की जब बात होती है, तो उसकी लोकेशन की मुख्य पहचान साबरमती नदी को ही बनाया जाता है। पुराने दौर में प्राय: नगरों का निर्माण नदियों के किनारे ही किया जाता था। कदाचित इसीलिए अहमदाबाद भी साबरमती नदी के तट पर बसाया गया।
यद्यपि आज अहमदाबाद (AHMEDABAD) का स्थापना दिवस नहीं है। इसीलिए हम न तो प्राचीन कर्णावती नगर की और न ही 611 वर्ष पूर्व अहमद शाह बादशाह द्वारा बसाए गए अहमदाबाद पर कोई ज्ञान परोसने जा रहे हैं।
वास्तविकता यह है कि कोरोना काल में जब गुजरात (GUJARAT) सहित 80 प्रतिशत भारत (INDIA) लॉकडाउन 4.0 के दौरान पटरी पर लौट चुका है, तब गुजरात की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद का 45 प्रतिशत हिस्सा अब भी लॉकडाउन 1.0 से चली आ रही कड़ी पाबंदियों का सामना कर रहा है। 437 वर्ग किलोमीटर के अहमदाबाद महानगर पालिका क्षेत्र में 200.92 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र लॉकडाउन 4.0 में मिली राहतों से वंचित है।
गुजरात में 19 मई से लागू हुआ लॉकडाउन 4.0
अहमदाबाद के साथ आज साबरमती नदी को इसी कोरोना (CORONA) संकट एवं लॉकडाउन 4.0 के कारण याद करना पड़ा। वास्तव में वैश्विक महामारी कोविड 19 (COVID 19) के कारण समूचे देश में 25 मार्च से लागू लॉकडाउन (LOCKDOWN) का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त हुआ, तो अपेक्षा के अनुरूप केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों ने 18 मई से आरंभ हुए लॉकडाउन 4.0 में कोरोना संक्रमण के कम मामलों वाले 80 प्रतिशत क्षेत्रों में व्यापार-व्यवसाय-रोज़गार-धंधे व औद्योगिक गतिविधियाँ आरंभ करने सहित कई रियायतें दीं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (NARENDRA MODI) ने लॉकडाउन 3.0 समाप्त होने से चार दिन पहले 13 मई को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा भी था कि लॉकडाउन 4.0 नए रंगरूप में आएगा। ऐसे में अहमदाबाद सहित पूरे गुजरात में यह उम्मीद जागी थी कि लॉकडाउन 4.0 में मिलने वाली राहतों का फायदा 18 मई से ही मिलने लगेगा, परंतु गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (VIJAY RUPANI) ने लॉकडाउन 4.0 की रियायतें तय करने के लिए 24 घण्टों का समय लिया और गुजरात में लॉकडाउन 4.0 नए रंगरूप में 19 मई से लागू हुआ।
24 घण्टों के मंथन से आधा अहमदाबाद हुआ निराश
जब मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने 24 घण्टों के मंथन के बाद 18 मई की शाम लॉकडाउन 4.0 के नए रंगरूप की घोषणा की, तो आर्थिक राजधानी अहमदाबाद का आधा हिस्सा निराश हो गया, क्योंकि रूपाणी लॉकडाउन 4.0 में उद्योग-धंधों व बाज़ारों के लिए राहतों की घोषणाओं में बार-बार ‘परंतु पूर्व अमदावाद’ का उल्लेख कर रहे थे और मुख्यमंत्री के इस एक वाक्य ने 45 प्रतिशत अहमदाबाद को लॉकडाउन 4.0 की सभी रियायतों से वंचित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री के इस ‘परंतु पूर्व अमदावाद’ में अहमदाबाद को दो हिस्सों में बाँटने वाली साबरमती नदी का भी बार-बार उल्लेख हुआ। विजय रूपाणी ने लॉकडाउन 4.0 में जो रियायतें दीं, वे केवल साबरमती (SABARAMATI) नदी के पश्चिमी तट पर बसे 236.09 किलोमीटर वाले 55 प्रतिशत अहमदाबाद में ही दीं। अनुमानित 78 लाख की जनसंख्या वाले अहमदाबाद में पूर्वी हिस्से में लगभग 35-39 लाख की जनसंख्या रहती है।
मुख्यमंत्री ने ‘परंतु पूर्व अमदावाद’ कहते हुए साबरमती नदी के पूर्वी तट पर बसे 200.92 वर्ग किलोमीटर वाले 45 प्रतिशत अहमदाबाद में लॉकडाउन 4.0 में कोई रियायत नहीं दी गई और इस प्रकार 25 मार्च से ठप पड़ा यह आधा अहमदाबाद अब भी ठप है, जबकि पश्चिमी अहमदाबाद में 19 मई से नियमों का पालन करते हुए आर्थिक-व्यावसायिक गतिविधियाँ प्रारंभ हो चुकी हैं।
ये 10 वॉर्ड बने 34 वॉर्डों के लिए अड़चन
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने साबरमती नदी के पूर्वी तट पर स्थित यानी पूर्वी अहमदाबाद को 19 मई से आरंभ हुए लॉकडाउन 4.0 में कोई छूट नहीं दी और इसके पीछे मुख्य कारण हैं इस पूर्वी अहमदाबाद के 10 वॉर्ड, जो कोरोना संक्रमण के मामले में रेड ज़ोन की सूची में हैं। इन 10 वॉर्डों के नाम हैं दाणीलीमडा, बेहरामपुरा, मणिनगर, सरसपुर, जमालपुर, खाडिया, दरियापुर, शाहपुर, असारवा और गोमतीपुर। इनमें मुख्यत: परकोटे वाला पुराना अहमदाबाद का क्षेत्र है।
पूर्वी अहमदाबाद के इन रेड ज़ोन वाले वॉर्डों में भी केवल 7 ही कलस्टर ज़ोन यानी हॉटस्पॉट हैं। पूर्वी अहमदाबाद में कुल 44 वॉर्ड हैं, परंतु केवल 10 वॉर्डों के रेड ज़ोन में होने के कारण 34 वॉर्डों में लॉकडाउन 4.0 पहले की तरह कड़ाई से लागू रखने का निर्णय किया गया। राज्य सरकार और अहमदाबाद महानगर पालिका (AMC) के इस निर्णय के कारण जहाँ पश्चिमी अहमदाबाद में जनजीवन नियमों के साथ पटरी पर लौट आया, वहीं पूर्वी अहमदाबाद अभी भी ठप पड़ा हुआ है।
अब ‘परंतु पूर्व अमदावाद’ न कहा जाए तो अच्छा….
अब जबकि लॉकडाउन 4.0 की अवधि समाप्त होने जा रही है। ऐसे में पूर्वी अहमदाबाद के लोगों को आशा है कि 1 जून से उन्हें भी नया जीवन, नया जनजीवन मिलेगा। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने 18 मई को जिस प्रकार बार-बार ‘परंतु पूर्व अमदावाद’ कह कर पूर्वी अहमदाबाद में लॉकडाउन 4.0 कड़ाईपूर्वक जारी रखने की बात कही थी, तब लोग आशा कर रहे हैं कि इस बार मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ‘परंतु पूर्व अमदावाद’ शब्द-वाक्य प्रयोग नहीं करेंगे।
लोग आशा कर रहे हैं कि लॉकडाउन 5.0 में दी जाने वाली राहतों की घोषणा करते समय ‘परंतु पूर्व अमदावाद’ वाक्य न बोलें और पूर्वी अहमदाबाद में ठप आर्थिक-व्यावसायिक गतिविधियों को 64 दिनों के बाद 1 जून से खोलने के लिए हरी झंडी दिखाएँ। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए केवल रेड ज़ोन वाले 10 वॉर्डों में ही लॉकडाउन 5.0 कड़ाईपूर्वक लागू रखा जाए। शेष 34 वॉर्डों में रियायतें दी जाएँ, जिससे लगभग 35 लाख लोगों का कामकाज पुन: आरंभ हो सके।
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